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Chat GPT has changed the world
दोस्तों Chat GPT ने दुनियाभर में धूम मचा रखी है… दुनियाभर के देशों में एक होड़ सी मची हुई है… Search Engine के क्षेत्र में अमेरिका सहित दुनिया के कई हिस्सों में अग्रणी कंपनी गूगल भी इस होड़ में उतर आई है। उसने बार्ड AI Chat Bot को पेश किया है। उधर चीनी कंपनियाँ भी पीछे नहीं हैं। पिछले हफ्ते ही अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग्स, टेन्सेंट होल्डिंग्स, बाइदू, नेटईज और जेडी.कॉम ने जल्द ही अपने Chat Bot बाज़ार में उतारने की घोषणा की…
Artificial Intelligence के क्षेत्र में अमेरिका और चीन की होड़ अब एक नए मुकाम पर पहुँच गई है। अब दोनों इस नई टेक्नोलॉजी Chat GPT के व्यापारिक उपयोग में आगे निकलने की जद्दोजहद में जुट गए हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक बीते एक दशक में Artificial Intelligence के विकास में चीन ने अमेरिका को खासा पीछे छोड़ दिया है। खास कर मौलिक अनुसंधान में वह आगे निकल गया है। लेकिन अमेरिकी स्टार्टअप Open Ai ने जिस तेजी से Chat GPT को बाज़ार में उतारा, उससे चीन हैरत में रह गया। Chat GPT लेखन और इम्तिहान की तैयारी करने का चैटबॉट है, जिसने तकनीक के क्षेत्र में सबसे सनसनी पैदा कर रखी है।
अमेरिका के कैलिफॉर्निया स्थित इन्वेस्टमेंट फंड वेबबुश सिक्योरिटीज के प्रबंधन निदेशक डैन इव्स ने कहा है-‘चीन में Artificial Intelligence टेक्नोलॉजी अमेरिका की तुलना में ज्याद उन्नत है। लेकिन Chat GPT के साथ यह सूरत बदल सकती है और आगे इस टेक्नोलॉजी का नेतृत्व माइक्रोसॉफ्ट के पास आ सकता है। इससे चीनी कंपनियों पर Artificial Intelligence के एल्गोरिद्म को उन्नत करने का दबाव बढ़ेगा।’
माइक्रोसॉफ्ट ने पिछले हफ्ते एलान किया था कि वह Open Ai के साथ मिल कर अपने सर्च इंजन बिंग को बेहतर बनाएगी, ताकि गुजरे वर्षों में गूगल से ये सर्च इंजन जितना पिछड़ गया, उस दूरी को वह पाट सके। पिछले महीने माइक्रोसॉफ्ट ने कहा था कि वह Open Ai में ‘अरबों डॉलर’ का निवेश करेगी।
इव्स ने कहा-‘यह तथ्य है कि Open Ai ने Artificial Intelligence का एक फॉर्मूला ढूँढ निकाला। अब माइक्रोसॉफ्ट ने उसका ५० फीसदी हिस्सा खरीद लिया है। इससे Artificial Intelligence की होड़ तेज हो गई है। ऐसा अमेरिका में होगा, चीन में भी होगा और पूरी दुनिया में भी।’
सर्च इंजन के क्षेत्र में अमेरिका सहित दुनिया के कई हिस्सों में अग्रणी कंपनी गूगल भी इस होड़ में उतर आई है। उसने बार्ड एआई चैटबॉट को पेश किया है। उधर चीनी कंपनियाँ भी पीछे नहीं हैं। पिछले हफ्ते ही अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग्स, टेन्सेंट होल्डिंग्स, बाइदू, नेटईज और जेडी.कॉम ने जल्द ही अपने चैटबॉट बाज़ार में उतारने की घोषणा की।
हांगकांग स्थित सिटी बैंक की विश्लेषक एलिसिया यैप के मुताबिक चीनी कंपनियों में Chat GPT की होड़ से बाज़ार में कोई ज्यादा उथल-पुथल नहीं मचेगी। वहाँ हर कंपनी का दायरा अलग है। अमेरिका में बिंग गूगल को चुनौती दे सकता है, लेकिन चीन में बाइदू के लिए कोई चुनौती नहीं है। इस कंपनी ने मार्च में अपने ‘एर्नी बॉट’ को बाज़ार में उतारने की घोषणा की है।
विश्लेषकों के मुताबिक बड़ी कंपनियों के Artificial Intelligence की होड़ में उतरने से निवेशकों का ध्यान भी इस तरफ गया है। लेकिन फिलहाल उनकी मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है। वेंचर फंड डीसीएम की इन्वेस्टमेंट मैनेजर ग्लोरिया झांग ने वेबसाइट https://asia.nikkei.com को बताया कि यह तकनीक अभी अपने आरंभिक चरण में है।
लोग अभी इसके विभिन्न प्रकार के उपयोग को समझने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन यह संभावना है कि इससे उत्पादकता में वृद्धि हो और उद्योगों का स्वरूप इसकी वजह से बदल जाए। उन्होंने कहा-‘मेरी समझ में इस तकनीक के कारण बहुत से मौजूदा उद्योगों में बड़ा बदलाव आएगा। इनमें कॉमर्स और सोशल मीडिया शामिल हैं।’
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